Wednesday, January 23, 2008
अब वाहन बीमा के अलग-अलग प्लान
मनोज जोशीThursday, January 03, 2008 04:50 [IST]
भोपाल. अगली बार जब आप अपने वाहन का बीमा कराने जाएं, तो पालिसी की शर्तो और उसकी दर के बारे में ठीक से तहकीकात कर लें। प्रीमियम जमा करते समय यह जरूर जान लें कि जो पालिसी आप ले रहे हैं, वह आपकी जरूरत को पूरा करती है या नहीं? वजह यह कि अब हर बीमा कंपनी वाहन बीमा के अलग-अलग प्लान दे सकेगी। वाहन के मॉडल व कलर के आधार पर भी प्रीमियम की राशि में अंतर आ सकता है।
यह व्यवस्था एक जनवरी से लागू हो गई है। बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) ने नए साल की शुरुआत के साथ ही साधारण बीमा में पालिसी की शर्तो में बदलाव की भी अनुमति दे दी है। प्राधिकरण पिछले साल डि टैरिफिंग लागू कर चुका है।
अब क्या होगा?: बीमा क्षेत्र के जानकारों के अनुसार साधारण बीमा के क्षेत्र में काम करने वाली सभी 12 कंपनियां अलग-अलग पालिसी तैयार करेंगी और हर पालिसी का प्रीमियम अलग-अलग होगा। एक ही कंपनी एक ही प्रकार के वाहन के लिए अलग-अलग पालिसी भी दे सकेगी, जिसमें रिस्क कवर में अंतर होगा। न केवल वाहन के मॉडल और निर्माण के वर्ष, बल्कि उसके कलर के आधार पर भी प्रीमियम बदल सकता है।
बीमा कंपनियों के अधिकारी मानते हैं कि कुछ खास कंपनियों के खास मॉडल अधिक चोरी होते हैं, इनके प्रीमियम की राशि अधिक हो सकती है। इसके लिए कंपनियों को अपनी पालिसी प्राधिकरण से मंजूर करानी होगी। प्राधिकरण के अध्यक्ष सीएस राव द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार वाहन मालिकों ने जो पालिसी ले रखी हैं उसके प्रीमियम व शर्तो में पालिसी वैधता की तारीख तक कोई परिवर्तन नहीं होगा।
यदि उपभोक्ता चाहे, तो वह अपनी वर्तमान पालिसी को रद्द करके नई पालिसी ले सकता है। नई पालिसी का इंतजार: परिपत्र के अनुसार साधारण बीमा के व्यवसाय में शर्तो में परिवर्तन की यह व्यवस्था एक जनवरी से लागू हो गई है, लेकिन अब तक किसी भी कंपनी की नई पालिसी घोषित नहीं हो पाई है।
ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी ने व्यावसायिक वाहनों के बीमा पर प्रीमियम में छूट देना बंद कर दिया है। सरकारी बीमा कंपनियों के अधिकारी मानते हैं कि नई व्यवस्था एक अप्रैल से लागू हो पाएगी, जबकि निजी कंपनियों के अधिकारियों के अनुसार अलग-अलग पालिसी जल्द ही घोषित हो जाएंगी।
अन्य क्षेत्रों पर भी पड़ेगा असर
प्राधिकरण का यह आदेश साधारण बीमा के अन्य क्षेत्रों अग्नि दुर्घटना, मशीनरी आदि पर भी लागू होगा। इनमें भी कंपनियों की पालिसी और प्रीमियम अलग-अलग हो जाएंगे। लेकिन वाहनों के थर्ड पार्टी बीमा को इससे अलग रखा गया है। थर्ड पार्टी बीमा का टैरिफ पहले की तरह प्राधिकरण ही तय करेगा।
क्या कहते हैं बीमा कंपनियों के अधिकारी
>> उपभोक्ता अब अपनी जरूरत के अनुसार पालिसी ले सकेंगे, लेकिन अब उन्हें बीमा कराने से पहले अधिक सतर्क भी रहना होगा।
जनार्दन भार्गव, सीनियर ब्रांच मैनेजर, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी
>> नई व्यवस्था लागू होने के बाद उपभोक्ताओं को अधिक जागरूक रहना होगा। केवल कम टैरिफ के आधार पर बीमा पालिसी लेना नुकसानदेह भी साबित हो सकता है।
प्रदीप शर्मा, डेवलपमेंट ऑफिसर, न्यू इंडिया एंश्योरेस कंपनी
>> हमारी नई पालिसी एक दो दिन में घोषित हो जाएगी।
सुबोध बघेल, सेल्स मैनेजर, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी
>> नई व्यवस्था लागू होने के बाद बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और केवल मजबूत आधार वाली कंपनी ही बाजार में टिक पाएगी। हमारी नई पालिसी आने में एक महीना लग सकता है।
विशाल हेमंत, रिलेशनशिप मैनेजर, इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस
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