Thursday, May 14, 2009

उत्तरक्षेत्र इफपा कन्वेंशन

दिनांक 28 अप्रैल को दिल्ली के सत्य सांई इन्टरनेशल सभागार में इंडियन फाईनेंशल प्रोफेशनल एसोसियेशन उत्तर क्षेत्र की ओर से एक दिवसीय सेमीनार व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । मां सरस्वती की वन्दना व दीप प्रज्ज्वलन के साथ ये भव्य समारोह आरंभ हुआ । मुख्य अतिथि श्री एच॰आर किदवई, निदेशक, भारतीय जीवन बीमा निगम ने उदघाटन किया । प्रथम सत्र में योग व मैनेजमेंट गुरू आचार्य विजय ने अपने उदबोघन में “ जीवन कैसे जीये “ इसके कुछ गुर बताये । हनुमान चालीसा में मैनेजमेंट छिपा है अनेक चौपाईया का उद्धरण देते हुये उन्होने स्पष्ट किया । मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुये श्री किदवई ने आज के बाजार की चुनौतियो में भारतीय जीवन बीमा निगम की प्रासंगिकता के महत्व को बताया । उन्होने निगम अभिकर्ता द्वारा दी जाने वाली समर्पित सेवा की भी प्रशंसा की । इसी क्रम में उन्होने वित्त वर्ष 2007-08 में इफपा द्वारा निर्धारित मापदण्डो के अनुसार गोल्ड व सिल्वर सम्मान प्राप्त करने वाले अभिकर्ताओ को मंच पर सम्मानित किया । सम्मान सम्मारोह उत्साह से परिपूर्ण था लगातार करतल ध्वनी से सभागार बार बार गूंज रहा था ।



इफपा के संस्थापक दीपक भाई ने कहा कि अब बीमा एजेंट को विदेशी सम्मान के लिये भटकने की आवश्यकता नही है । इफपा ने भारत मे ही एजेंट को सम्मान प्रदान करने का बीडा उठाया है । ‘ भोजन सत्र के बाद नटसम्राट मंच की ओर से एक नाटक “ एसा भी होता है “ की प्रस्तुति ने दर्शकों को लोटपोट कर दिया । निदेशक श्याम कुमार ने बीमा अभिकर्ता के जीवन की झांकी भी इस नाटक में दिखाने का सफल प्रयास किया । नाटक प्रस्तुति के लिये सभी ने श्री सुनील डंग की प्रशंसा की ।



बीमा अभिकर्ताओ में सर्वाधिक लोक प्रिय श्री मुकेश जोशी जिनमें अभिनय करने की अदभुद क्षमता है । अपने सत्र में श्रोताओं को उर्जा से भर दिया । मुकेश जोशी ने दिल्ली में अनेक कोर्स चलाकर अभिकर्ताओ के जीवन को बदलने का अदभुद कार्य किया है । वीर चक्र विजेता कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने अपने संक्षिप्त परन्तु देश भक्ति परिपूर्ण विचार प्रस्तुत कर सेमीनार को तिरंगा रंगो से परिपूर्ण कर दिया । वन्दे मातरम व भारत माता की जय नारों से सभागार गूंज रहा था । आई॰ओ॰ई दिल्ली के लीडर श्री अमित कोठारी ने इंटरनेशनल कान्वेंशन की जानकारी दी तथा दिल्ली में होने वाली अन्य गतिविधियों के बारे मे प्रकाश डाला । आई॰ओ॰ई दिल्ली में लोकप्रिय होता जा रहा है । अनेक दर्शकों ने आई॰ओ॰ई के काउंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाया ।

बीमा एजेंट केवल व्यवसाय ही नही करता अपितु वह समाज सेवा के प्रति भी समर्पित है श्री रोचक पुरी के संयोजन में जब श्री दीपक गुप्ता ने मन्च से नेत्र दान की अपील की तो इफपा की समस्त कार्यकारिणी ने श्री इन्द्रपाल बिन्द्रा के नेतृत्व में सबसे पहले ने्त्रदान का संकल्प फ़ार्म भरा तथा बाद में आल इंडिया मेडिकल के स्टाल पर नेत्रदान करने वालों की भारी भीड दिखाई पडी ।

इस अवसर पर इफपा की वेबसाईट का भी उदघाटन किया गया । श्री इन्द्रपाल बिन्द्रा ने वेबसाईट के विषय में जन समुदाय को विस्तृत जानकारी दी । इफपा ब आई॰ओ॰ई के सर्वाधिक लोकप्रिय अभिकर्ता दम्पती श्री पंकज अग्रवाल व श्रीमती पूजा अग्रवाल ने अपने सत्र में बताया कि किस प्रकार वे कार्पोरेट क्लब तक पहुंचे । उपरिस्थति जन समुदाय ने इन दोनों को खडे होकर तालियां बजाकर सम्मानित किया । इस सेमीनार का सफल संचालन राजेश चेतन ने श्री तपस कुमार नायक, श्री नीरज निवारी , श्री अजय पोद्दार व श्री अजय त्यागी के सहयोग से किया । दिल्ली इफपा की समस्त टीम व सी सी प्रतिभागी इस सफल आयोजन के लिये बधाई के पात्र है ।

9 comments:

उम्मीद said...

आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . लिखते रहिये
चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है

गार्गी

Sanjay Grover said...

हुज़ूर आपका भी .......एहतिराम करता चलूं .....
इधर से गुज़रा था- सोचा- सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ

कृपया एक अत्यंत-आवश्यक समसामयिक व्यंग्य को पूरा करने में मेरी मदद करें। मेरा पता है:-
www.samwaadghar.blogspot.com
शुभकामनाओं सहित
संजय ग्रोवर

ALBELA KHATRI said...

achha laga
badhai

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

narayan narayan

दिल दुखता है... said...

हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका तहेदिल से स्वागत है....

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

रचना गौड़ ’भारती’ said...

बहुत सुंदर.हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। मेरे ब्लोग पर भी आने की जहमत करें।

Yamini Gaur said...

well done....

kmsharma said...

IFPA ko apko blog me dekhkar khushi hui. Badhai.

k m sharma